रविवार, 17 जून 2018

सकारात्मक सोच की शक्ति

एक राजा था जिसकी केवल एक टाँग और एक आँख थी।उस राज्य में सभी लोग खुशहाल थे क्यूंकि राजा बहुत बुद्धिमान और प्रतापी था।एक बार राजा कुछ सोच रहे थे कि उनको एक  विचार आया कि क्यों खुद की एक तस्वीर बनवायी जाये।फिर क्या था, देश विदेशों से चित्रकारों को बुलवाया गया और एक से एक बड़े चित्रकार राजा के दरबार में आये।राजा ने उन सभी से हाथ जोड़ कर आग्रह किया कि वो उसकी एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनायें जो राजमहल में लगायी जाएगी।
Drawing that show Power of Positive Thinking
सारे चित्रकार सोचने लगे कि राजा तो पहले से ही विकलांग है, फिर उसकी तस्वीर को बहुत सुन्दर कैसे बनाया जा सकता है ?ये तो संभव ही नहीं है और अगर तस्वीर सुन्दर नहीं बनी तो राजा गुस्सा होकर दंड देगा।यही सोचकर सारे चित्रकारों ने राजा की तस्वीर बनाने से मना कर दिया।
तभी पीछे से एक चित्रकार ने अपना हाथ खड़ा किया और बोला कि मैं आपकी बहुत सुन्दर तस्वीर बनाऊँगा जो आपको जरूर पसंद आएगी।फिर चित्रकार जल्दी से राजा की आज्ञा लेकर तस्वीर बनाने में जुट गया।काफी देर बाद उसने एक तस्वीर तैयार की जिसे देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ और सारे चित्रकारों ने अपने दातों तले उंगली दबा ली।
उस चित्रकार ने एक ऐसी तस्वीर बनायीं जिसमें राजा एक टाँग पूरी तरह से दिखाई दे ऐसे घोड़े पर बैठा है,और एक आँख रानी साहिबा के लटक रहे झुल्फो से ढकी हुई है!राजा ये देखकर बहुत प्रसन्न हुआ कि उस चित्रकार ने राजा की कमजोरियों को छिपाकर कितनी चतुराई से एक सुन्दर तस्वीर बनाई है। राजा ने उसे खूब इनाम एवं धन दौलत दी।
तो क्यों ना हम भी। दूसरों की कमियों को छुपाएँ,उन्हें नजरअंदाज करें और अच्छाइयों पर ध्यान दें।आजकल देखा जाता है कि लोग एक दूसरे की कमियाँ बहुत जल्दी ढूंढ लेते हैं चाहें हममें खुद में कितनी भी बुराइयाँ हों लेकिन हम हमेशा दूसरों की बुराइयों पर ही ध्यान देते हैं कि अमुक आदमी ऐसा है, वो वैसा है। हमें नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोचना चाहिए और हमारी सकारात्मक सोच हमारी हर समस्यों को हल करती है .

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क्योकि कोई भी व्यक्ति 100% सकारात्मक सोच वाला नहीं हो सकता है . आज जो भी लोग सफल हुए उनमें भी कभी न कभी नकारात्मक सोच आयी लेकिन  वे अपने उपर नकारात्मकता को हावी नहीं होने दिया और एक दिन सफलता का परचम लहरया है .

अंत: ये कहना सही होगा कि हमें सफल होने के लिए खुद में और दुसरे में सकारात्मक पहलू को फोकस करना जरुरी का विषय होता है. तो आयी आज से शुरुआत करते है अपने और दुसरे में सकारात्मक बिंदुओं को उजागर करने की .

ऐसे आपको ये कहानी कैसी लगी ? ये इसे हमें अपने जीवन में अपनानी चाहिए ?
अपना जबाव कमेंट कर बताये .


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