एक समय की बात है एक राजा अपने राज्य के मेले में घूमने गया। मेला बहुत बड़ा था। मेले में खिलौने, मिठाइयां, कपड़े, फर्नीचर इत्यादि के साथ जानवरों व पंक्षियों की भी बिक्री हो रही थी। मेले में घूमने के दौरान राजा की नजर दो बाज की बच्चों पर पड़ी। वे दोनों एक ही पिंजड़े में थे और दोनों आपस मे खेल-कूद रहे थे। राजा को बेहद पसंद आया । राजा ने मंत्री को आदेश दिए कि दोनों बाजो को खरीद लिया जाए।
अगर आप भी कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो आपको भी जोखिम लेना पड़ेगा, तभी आपके सपने पूरे हो सकते हैं। इस बात का इंतजार नहीं करना चाहिए कि कोई हमारी शाखा काटेगा, तब हम उड़ेंगे। क्योंकि हम मनुष्य है और हमारी क्षमता असीमित है।
राजा उन दोनों बाजो को लेकर अपने महल में आ गया। वहां एक सेवक को बाजो की देखभाल में नियुक्त कर दिया। सेवक सुबह-शाम बाजो के लिए दाना-पानी का इंतजाम कर देता। दोनो धीरे-धीरे बड़े होने लगे और उड़ाने भरने लगे। कुछ दिन बाद राजा उन बाजो का हाल जानने पहुंचे।
सेवक ने बताया कि एक बाज तो बहुत ऊंचाई तक उड़ता है, लेकिन दूसरा पेड़ की एक शाखा पर ही बैठा रहता है। ये जानकर राजा को बहुत दुख हुआ कि दूसरा बाज उड़ क्यों नहीं रहा है।
राजा ने तुरंत अपने मंत्रियों को बुलवाया, लेकिन कोई भी ये नहीं समझ पा रहा था कि दूसरे बाज को क्या हुआ है।
राजा ने पूरे राज्य में घोषणा करवाने कि आदेश दिये कि जो भी व्यक्ति इस बाज को उड़ाएगा, उसे इनाम स्वरूप स्वर्ण मुद्राएं दी जाएगी।
पूरे राज्य में ये बात फैल गयी। राज्य के सभी कोने से एक से बढ़कर एक पक्षियों के जानकार आये। सभी ने अपनी-अपनी दिमाग लगाये। लेकिन किसी से भी वो बाज नही उड़ पाया। उसी तरह से एक निश्चित ऊँचाई पर पहुंच कर पेड़ के शाखा पर बैठ जाता।
तभी एक गरीब किसान ने कहा कि मैं बाज को उड़ा सकता हूँ। किसान को बाज के पास ले जाया गया। किसान पक्षियों का जानकार था, उसने बाज के आसपास का क्षेत्र देखा और जिस पेड़ की शाखा पर वह बैठा रहता था, वह शाखा ही काट दी।
इसके बाद दूसरा बाज भी आसमान में बहुत ऊंचाई तक उड़ने लगा। किसान ने राजा को बताया कि ये बाज इस शाखा के मोह में फंसा हुआ था, उड़ने की जोखिम लेने से डरता था, जब ये शाखा ही काट दी गई तो उसके पास उड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। इस कारण वह अब ऊंचाई तक उड़ने लगा है। ये देखकर राजा प्रसन्न हो गया और उसने किसान को स्वर्ण मुद्राओं से सम्मानित किया।
सीख : इस कहानी का मूल संदेश ये है कि जो लोग जोखिम लेने से डरते हैं, अपने कंफर्ट जोन से बाहर नहीं आना चाहते हैं, वे ऊंचाई तक उड़ नहीं सकते यानी अपने क्षेत्र में शिखर तक पहुंच नहीं पाते हैं। अगर आप भी कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो आपको भी जोखिम लेना पड़ेगा, तभी आपके सपने पूरे हो सकते हैं। इस बात का इंतजार नहीं करना चाहिए कि कोई हमारी शाखा काटेगा, तब हम उड़ेंगे। क्योंकि हम मनुष्य है और हमारी क्षमता असीमित है। बस जरूरत है, अपनी क्षमताओं को ऊंचा करने की।
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