सोमवार, 12 मार्च 2018

गधा का घोड़ा पर हुकूमत कैसे


एक बार की बात है की जंगल में बहुत से गधे और घोड़े रहते थे। वहा पर गधे और घोड़े की आबादी बढ़ रही थी। कुछ गधे और कुछ घोड़े ने मिलकर विचार किये की हम कही और जाकर रहेंगे। कुछ गधे और कुछ घोड़े उस जंगल से निकल गये, दूसरे जगह पर जाकर रहने लगे। कुछ नये नये गधे घोड़े के साथ रहने लगे। और उनका हर तौर तरीका सिखाने लगे। कुछ दिन के बाद काफी कुछ सिख चुके थे। अब इन गधो को गलत फहमी हो गई की वो अपने आप को घोडा समझने लगे। दूर से देखने पर वो सभी गधे घोड़े जैसा मालूम पड़ते थे। लेकिन जब वो बोलते थे तो मालूम पड़ जाता था कि वो घोड़े नहीं गधे है। जो गधे अपने आप को घोडा समझते थे। अब नये नये घोड़े को ये सिखाने लगे की घोडा ढेंचू ढेंचू बोलता है। जब ये बात घोडा के समूह को मालूम हुआ तो वो सभी मिलकर उन गधो को समझाने लगे की आप जो सीखा रहे है सही है, लेकिन आप घोड़े को ढेंचू ढेंचू बोलना तो मत सिखाये। घोडा हिनहिनाता है ढेंचू ढेंचू नहीं बोलता है। लेकिन वो बात नहीं माने और समूह से अलग हो गए। और बोलने लगे की हम घोड़े पर गधे हुकूमत करना चाहते है।
इसी तरह से हर इंडस्ट्री में लोग मिल जायेंगे। जो थोडा बहुत जानकारी होते ही अपने आप को घोडा मानने लगते है। और जो सिखाया उसको गधा मानने लगते है। जब वो सिखा रहा था तो उस समय सर कहके बुलाते और थोडा सा सिख जाने के बाद बोलते है। हम घोड़ों पर गधे हुकूमत करना चाहते है।

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